पुराना नुस्ख़ा, पक्का असर – तने पर चूना, पेड़ रहे उमरभर
आम के पेड़ों के तने पर चूना (लाइम) लगाने के कई वैज्ञानिक और पारंपरिक कारण हैं, जिनमें कीटों और फंगल संक्रमण से बचाव, धूप से तने को सुरक्षा देना, छाल में दरारों को भरना, और पौधों के लिए पोषक तत्व उपलब्ध कराना शामिल है। यह एक पुरानी लेकिन कारगर तकनीक है जो पेड़ों को स्वस्थ रखती है और उनकी उम्र बढ़ाती है।
पेड़ के तने पर सफेदी (चूना) लगाने के फायद
1) कीटों से सुरक्षा : सफेदी का लेप दीमक, छाल खाने वाले कीट और अन्य हानिकारक कीटों से बचाव करता हैं।
2) फंगल संक्रमण से बचाव : सफेदी में क्षारीय गुण (alkaline nature) होता हैं, जिससे यह फफूंद और अन्य बीमारियों को पनपने से रोकता हैं।
3) पौष्टिक तत्वों की आपूर्ति : चूना मिट्टी में कुछ पोषक तत्वों को उपलब्ध कराता हैं, जो पेड़ की वृद्धि और विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
4) तापमान नियंत्रण : गर्मियों में सफेदी का सफेद रंग सूर्य की तेज किरणों को परावर्तित करता हैं, जिससे तने का तापमान नियन्त्रित रहता हैं और गर्मी से नुकसान नहीं होता हैं।
5) छाल की दरारों की रक्षा : पुराने पेड़ों की छाल में दरारें आ जाती हैं, जिससे रोग और कीट घर बना लेते हैं। सफेदी का लेप इन दरारों की सुरक्षा करता हैं।
6) पेड़ को स्वस्थ रखना : चूना पेड़ को तनाव से बचाने में मदद करता हैं, जिससे यह अधिक फल और फूल देता हैं।
7) नमी बनाये रखने में मददगार : यह तने में नमी बनाये रखने में सहायक होता हैं, विशेषकर गर्म और शुष्क मौसम में।
तने पर सफेदी कैसे लगाएं :-
1 किलो बुझा हुआ सफेदी (चूना) + 200 ग्राम नीला तूतिया + 10 लीटर पानी मिलाकर घोल बना लें।
इस घोल को ब्रश की मदद से तने पर अच्छी तरह लगाएं, खासकर नीचे से ऊपर 4-5 फीट तक।
■ कब लगाना चाहिए ?
यह काम आमतौर पर फरवरी, मार्च और अक्टूबर-नवंबर में किया जाता हैं, जब पेड़ की वृद्धि धीमी होती हैं और यह कीटों और बीमारियों के लिए कम संवेदनशील होता हैं